Horror Place in Delhi


जमाली-कमाली मस्जिद


रहस्यमयी कमाली

यहाँ की सबसे दिलचस्प बात यह है कि, इसका कमाली नाम जिस व्यक्ति पर था उनकी कोई भी जानकारी इतिहास में दर्ज ही नहीं है। हालाँकि जमाली और कमाली दोनो मकबरों का निर्माण एक साथ हुआ था पर किसी को उनकी जानकारी नहीं है। हर ऐतिहासिक दस्तावेज़ों में भी सिर्फ़ जमाली के बारे में ही उल्लेख किया गया है, कमाली के बारे में कुछ भी नहीं।

जमाली-कमाली मस्जिद की वास्तुकला

यह मस्जिद संत जमाली की मृत्यु के बाद बनवाया गया था। एक एक दीवार को सुंदर शैलियों से उकेरा गया है और यह स्मारक समय की कसौटी पर खरा भी उतरा है। कहा जाता है कि, इसे सन् 1528 से1529 के समय में बनाया गया। विशाल आँगन, तोरण और गुंबदों की उत्तम कलाकारी उस समय की कुशल वास्तुकला को दर्शाते हैं।

मस्जिद के अंदर नक्काशीदार मूर्तियाँ, खिड़कियों और दीवारों पर अलंकृत बेल-बूटे पुराने इतिहास के शाही सौंदर्य और कलात्मक कथाओं को साफ दर्शाती हैं। आज के समय में जमाली कमाली का मस्जिद और स्मारक, दिल्ली के पुरातात्विक स्थलों को संरक्षित करने वाली कम्यूनिटी के अधीन है।

जमाली-कमाली को दिल्ली में बहुत कम ही लोग जानते हैं।



मस्जिद के अंदर स्थित क़ब्रगाह

भूतहा जमाली-कमाली मस्जिद

कुछ लेखों के अनुसार कहा जाता है कि, जमाली कमाली मस्जिद भूतहा है। कुछ लोगों को वहाँ किसी अंजान परछाईं का एहसास हुआ है, तो किसी ने रात को वहाँ से आने वाली डरावनी आवाज़ें सुनी हैं। हालाँकि अभी यह निश्चित तौर पर नहीं कहा गया है कि जमाली कमाली मस्जिद सच में भूतहा है। यह उन लोगों के लिए ज़्यादा उत्साही जगह है जो रहस्यमयी कहानियों में मज़े लेते हैं और असाधारण गतिविधियों का निरीक्षण करना चाहते हैं।



जमाली-कमाली स्मारक

महरौली कैसे पहुँचें?

महरौली दिल्ली में बसा ऐसा क्षेत्र जहाँ आपको इतिहास से जुड़ी कई धरोहरें देखने को मिलेंगी और यह दिल्ली के रास्तों से आसानी से जुड़ी हुई है। कई डी.टी.सी बस की सुविधा सीधे महरौली तक उपलब्ध है। महरौली मुगल साम्राज्य के पहले से ही बसा एक प्राचीन स्थल है। इसके आस पड़ोस में भी कई ऐतिहासिक स्थल हैं जो इतिहास को लोगों से जोड़े रखते हैं।

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