fasi ki amezing fact


आखिर सूर्योदय से पहले ही क्यों दी जाती है फांसी ? जानिए.....

अक्सर जहा तक है यह तो सभी जानते है कि फांसी की सज़ा सूर्योदय से पहले दी जाती है और ऐसा कई दशकों से चला आ रहा है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि फांसी की सज़ा सुबह सूर्योदय से पहले ही क्यों दी जाती है।

 आज हम आपको बताएंगे कि ऐसा क्यों होता है ?

♦ इसका पहला कारण सिर्फ एक ही है वो ये कि जेल के सभी कार्य सूर्योदय के बाद ही शुरू होते हैं इसीलिए फांसी की सजा पहले दे दी जाती है ताकि बाद में होने वाले काम पर कोई असर न पड़े।

♦ इसका दूसरा कारण ये भी माना जाता है कि अगर फांसी दिन के किसी और समय पर दी जाएगी तो दिन भर सज़ा पाने वाला कैदी बेचैन रहेगा। इसलिए भी फांसी सूर्योदय से पहले दी जाती है।

♦ इसका तीसरा कारण ये भी है कि सुबह के वक़्त हर इंसान का दिमाग दिन की अपेक्षा ज़्यादा शांत होता है। ऐसे में कैदी सोकर उठता है और वो इस बारे में ज़्यादा नहीं सोच पाता है।

♦ जेल के अधिकारी फांसी से पहले सजा पाने वाले से आखिरी ख्वाहिश पूछते हैं जो जेल के अन्दर और जेल मैन्युअल के तहत होता है इसमें वो अपने घरवालो से बात और मिलने, या कोई धार्मिक ग्रन्थ पढने की इच्छा कर सकता है या कोई और इच्छा जताता है जो जेल प्रशासन के मैन्युअल में है तो उसे पूरा किया जाता है।

♦ फांसी के वक्त जेल अधीक्षक, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, और जल्लाद मौजूद रहते है इनके बिना फांसी नहीं दी जाती।

♦ फांसी पर लटकाने से पहले जल्लाद बोलता है मुझे माफ़ करना हिन्दू भाइयों को राम राम, मुसलमान भाइयों को सलाम हम क्या कर सकते हैं हम तो हुकुम के गुलाम हैं।

♦ फांसी पर लटकाने के दस मिनट बाद डाक्टरों की एक टीम सजा पाने वाले की जाँच करती है और मरने की पुष्टि होने पर उसे नीचे उतार लिया जाता है।

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